Results for प्रेरणादायक कहानियॉ

मृत्‍यु के बाद शिष्‍य ने जाना सुखी रहने का रहस्‍य

एक आश्रम में महात्‍मा और उनके दो शिष्‍य रहते थे। दोनों शिष्‍य महात्‍मा के कहे अनुसार भगवान का भजन-पूजन करते। आश्रम के कार्य भी अत्‍यंत ल...
- सितंबर 24, 2019
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जब सत्‍य बोलकर निर्दोष व्‍यक्ति को बचा लिया

यह सर्वविदित है कि महात्‍मा कबीर साहिब का पालन-पोषण एक जुलाहे के घर में हुआ था। उनके पिता जब रूई पींजने (धुनने) का कार्य करते तो बालक क...
- सितंबर 24, 2019
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बुद्धिमान साहूकार ने अपनी सूझबूझ से टाला संकट

एक राजा बङा बुद्धिमान और व्‍यक्तियों का बङा कद्रदान था। उसके दरबार में प्राय: ऐसी प्रतिस्‍पर्द्धाओं का आयोजन होता था, जो बुद्धि और चतुरा...
- सितंबर 24, 2019
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देवी ने माना सुकरात को सबसे बुद्धिमान व ज्ञानी पुरूष

यूनान के देव़ी मंदिर में वर्ष में एक बार भारी भीङ जमा होती थी। ऐसा माना जाता है कि उस दिन देवी जागृत होती है और पूछे जाने वाले सभी प्रका...
- सितंबर 24, 2019
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गुरू गोबिंद सिंह ने शिष्‍य को समझाया परिश्रम का महत्‍व

एक बार गुरू गोबिंद सिंह कहीं जा रहे थे। शिष्‍य उनके अमृत वचनों को पूर्ण एकाग्रता से सुन रहे थे। जब चर्चा समाप्‍त हो गई, तो गुरू गोबिंद स...
- सितंबर 24, 2019
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जब बालक ने जीता बुजुर्ग का दिल

नेपल्‍स में रहने वाले एक तेरह वर्षीय बालक रॉबर्ट हिल ने एक दिन एरिका एंडरसन की पुस्‍तक अल्‍बर्ट श्‍वाइत्‍जर की दुनिया पढी तो उसे ज्ञात ह...
- सितंबर 24, 2019
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मुफ्‍त अनारों की कीमत नहीं समझी मुफ्‍त अनारों की कीमत नहीं समझी Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 24, 2019 Rating: 5
संयम पाने पर यूसुफ को मिली दीक्षा संयम पाने पर यूसुफ को मिली दीक्षा Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 24, 2019 Rating: 5
वह अपाहिज फिर हवाबाजी करने लगा वह अपाहिज फिर हवाबाजी करने लगा Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 24, 2019 Rating: 5
जब महंगी पालकी पर सवार हुई वीणा जब महंगी पालकी पर सवार हुई वीणा Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 24, 2019 Rating: 5

मजदूर ने करोङों का हीरा आठ आने में बेच दिया

एक निर्धन मजदूर के पास अपनी मेहनत के अलावा और कुछ नहीं था। वह मेहनत-मजदूरी कर जैसे-तैसे अपना जीवनयापन करता। एक दिन उसे एक हीरा पङा मिला।...
- सितंबर 24, 2019
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आजाद ने बेगम के नाम पर धनसंग्रह रूकवाया

मौलाना अबुल कलाम आजाद स्‍वाधीनता आंदोलन के प्रमुख स्‍तंभ थे। उन्‍होंने देश को आजाद कराने के लिए अपनी समस्‍त ताकत झोंक दी थी। आजादी पाने ...
- सितंबर 24, 2019
आजाद ने बेगम के नाम पर धनसंग्रह रूकवाया आजाद ने बेगम के नाम पर धनसंग्रह रूकवाया Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 24, 2019 Rating: 5

बर्नार्ड शॉ ने अपने कपङों को खिला दिया खाना

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ को एक महिला ने भोज पर आमंत्रित किया। शॉ ने उसका आमंत्रण स्‍वीकार कर लिया, जबकि उन दिनों वे काफी व्‍यस्‍त चल रहे थे। जि...
- सितंबर 22, 2019
बर्नार्ड शॉ ने अपने कपङों को खिला दिया खाना बर्नार्ड शॉ ने अपने कपङों को खिला दिया खाना Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5
मकङी ने जब राजा को दिया जीतने का सबक                          मकङी ने जब राजा को दिया जीतने का सबक Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5
जब महाकवि माघ ने निर्धन को दिए कंगन                          जब महाकवि माघ ने निर्धन को दिए कंगन Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5

महिला की मदद के लिए विद्यासागर ने बोला झूठ

ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर परोपकारी व्‍यक्ति थे। दूसरों की सहायता करना वे अपना परम धर्म मानते थे। एक दिन उन्‍हें पता चला कि गांव के परोपकारी...
- सितंबर 22, 2019
महिला की मदद के लिए विद्यासागर ने बोला झूठ महिला की मदद के लिए विद्यासागर ने बोला झूठ Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5
जब चींटियों ने नाग का अभिमान चूर किया                           जब चींटियों ने नाग का अभिमान चूर किया Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5

बङे पद वाले के लिए भी नियम तो नियम ही है

भारत रत्‍न डॉ विश्‍वेश्‍वरैया अति विद्वान होने के साथ-साथ नियमों के भी पक्‍के थे। वे कहीं भी जाते और संबंधित संस्‍थान या स्‍थान उनकी विश...
- सितंबर 22, 2019
बङे पद वाले के लिए भी नियम तो नियम ही है                 बङे पद वाले के लिए भी नियम तो नियम ही है Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5

आखिरकार संत तेप्‍युजेन का संकल्‍प रंग लाया

यह घटना उस समय की है जब ‘बौद्ध सूत्र’ ग्रंथ केवल चीनी लिपि में ही उपलब्‍ध था। जापानी संत तेप्‍युजेन की तीव्र अच्‍छा थी कि जापानी लिपि मे...
- सितंबर 22, 2019
आखिरकार संत तेप्‍युजेन का संकल्‍प रंग लाया                आखिरकार संत तेप्‍युजेन का संकल्‍प रंग लाया Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5

आखिरकार चींटी का मुंह खारा का खारा ही रहा

एक चींटी पेङ के उपर चढ रही थी। उपर से दूसरी चींटी निचे की ओर आ रही थी। पहली चींटी ने दूसरी चींटी से पूछा-कहो बहन, कुशल मंगल तो है? दूसरी...
- सितंबर 22, 2019
आखिरकार चींटी का मुंह खारा का खारा ही रहा                आखिरकार चींटी का मुंह खारा का खारा ही रहा Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 22, 2019 Rating: 5
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