जब राजा पुरंजय यज्ञ के बीच से उठकर चल दिए एक बार राजा पुरंजय ने राजसूर्य यज्ञ का आयोजन किया। इसमें दूर-दूर से ॠषि-मुनि बकुलाए गए।... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019
जब जमींदार वाइडिस ने सुकरात से क्षमा मांगी यूनान के एक अति संप्न्न जमींदार थे आर्ल्स वाइडिस। उन्हें अपने धन-वैभव पर बङा अभिमान... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019
लालच ने दोनों मित्रों की दोस्ती तोङ दी दो बचपन के मित्र थे। वयस्क होने पर उन दोनों ने मिलकर व्यापार शुरू किया। व्यापार चल निकल... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019
बंद डिबिया में जीवित निकल आया कीङा एक राजा को यह अभिमान था कि वही अपने राज्य के सभी प्राणियों का भरण-पोषण करता है। लोग विष्णु को व... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019
भटकते दार्शनिक को साधु ने दी सही दिशा एक दार्शनिक ने पढा-वास्तव में सौंदर्य ही विश्व की सबसे बङी विभूति है। भक्ति,ज्ञान, कर्म और उ... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019
मोहर के रूप में बच्ची को उसके धैर्य का फल मिला ईराक की एक लोकथा है-बगदाद के एक बङे क्षेत्र में उन दिनों अकाल पङा था। चारों और हाहाकार... Kahaniduniya.com - सितंबर 09, 2019