दृष्‍टता हमेशा विनाश की ही जनक होती है

एक वृक्ष पर एक बटेर घोंसला बनाकर रहता था। वह अत्‍यंत दयालु और परोपकारी था। अनेक पक्षी भी आसपास घोंसले बनाकर रहा करते थे। जब वे पक्षी द...
- सितंबर 16, 2019
दृष्‍टता हमेशा विनाश की ही जनक होती है                           दृष्‍टता हमेशा विनाश की ही जनक होती है Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 16, 2019 Rating: 5

पहले हजार बार सोचो फिर अपना मुंह खोलो

एक महिला ट्रेन से अमरीका के फिलाडेल्फिया से न्‍यूयार्क अपने कार्यालय जाती थी। एक दिन उसे देर हो गई। वह स्‍टेशन पहुंची और जो डिब्‍बा सा...
- सितंबर 16, 2019
पहले हजार बार सोचो फिर अपना मुंह खोलो                      पहले हजार बार सोचो फिर अपना मुंह खोलो Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 16, 2019 Rating: 5

जीवन में कर्तव्‍यनिष्‍ठा के महत्‍व को समझें

एक वन में कौओं का राजा अपनी रानी के साथ रहता था। एक दिन वे उङते-उङते वाराणसी के राजा के भवन के उपर जा पहुंचे। संयोग से उसी समय राजा का र...
- सितंबर 16, 2019
जीवन में कर्तव्‍यनिष्‍ठा के महत्‍व को समझें                   जीवन में कर्तव्‍यनिष्‍ठा के महत्‍व को समझें Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 16, 2019 Rating: 5
कद से नहीं विचारों उंचा बनता है इंसान                कद से नहीं विचारों उंचा बनता है इंसान Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 15, 2019 Rating: 5
जब चूर-चूर हो गया अर्जुन का अहंकार                                जब चूर-चूर हो गया अर्जुन का अहंकार Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 15, 2019 Rating: 5

सच्‍चे सौंदर्य की खोज में भटकता इंसान

एक व्‍यक्ति प्राय : कुछ परेशान और उद्विग्‍न सा रहता था। वस्‍तुत : ऊसकी परेशानी मानसिक थी। उसे सर्वोत्‍तम सौंदर्य  की खोज थी। एक दिन उसने ...
- सितंबर 15, 2019
सच्‍चे सौंदर्य की खोज में भटकता इंसान                      सच्‍चे सौंदर्य की खोज में भटकता इंसान Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 15, 2019 Rating: 5
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