मैं आपका नौकर हूं, बैंगन का नहीं: अकबर-बीरबल हिन्दी कहानियाँ : I am your servant, not brinjal: Akbar-Birbal Hindi Stories
मैं आपका नौकर हूं, बैंगन का नहीं: अकबर-बीरबल हिन्दी कहानियाँ : |
एक दिन बादशाह अकबर और बीरबल महल के बागों में सैर कर रहे थे। फले-फूले बाग को देखकर बादशाह अकबर बहुत खुश थे। वे बीरबल से बोले, ‘बीरबल, देखों यह बैंगन, कितने सुंदर लग रहे हैं!’ इनकी सब्जी कितनी स्वादिष्ट बनती है!
बीरबल, मुझे बैंगन बहुत पसंद हैं।
हां! महाराज, आप सत्य कहते हैं। यह बैंगन है ही ऐसी चीज जो ना सिर्फ देखने में ब्लकि खाने में भी इसका कोई मुकाबला नहीं है। और देखिए महाराज भगवान ने भी इसीलिए इसके सिर पर ताज बनाया है। बादशाह अकबर यह सुनकर बहुत खुश हुआ।
कुछ हफ्तों बाद बादशाह अकबर और बीरबल उसी बाग में घूम रहे थे। बादशाह अकबर को कुछ याद आया और मुस्कुराते हुए बोले, ‘बीरबल देखो यह बैंगन कितना भद्दा और बदसूरत है और यह खाने में भी बहुत बेस्वाद है।’
हां हुजूर! आप सही कह रहे हैं बीरबल बोला। इसीलिए इसका नाम बे-गुण है बीरबल ने चतुराई से नाम को बदलते हुए कहा।
यह सुनकर बादशाह अकबर को गुस्सा आ गया। उन्होंने झल्लाते हुए कहा, ‘क्या मतलब है बीरबल?’
मैं जो भी बात कहता हूं तुम उसे ही ठीक बताते हो। बैंगन के बारे में तुम्हारी दोनों ही बातें सच कैसे हो सकती हैं, क्या तुम मुझे समझाओंगे?
बीरबल ने हाथ जोड़ते हुए कहा, ‘हुजूर मैं आपका नौकर हूं। बैंगन का नहीं।’
बादशाह अकबर यह जवाब सुनकर बहुत खुश हुए और बीरबल की तरफ पीठ करके मुस्कुराने लगे।
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