अफसर : अकबर-बीरबल कहानियाँ
अफसर : अकबर-बीरबल कहानियाँ |
एक बार वजीर अबुल फजल ने अकबर बादशाह के सामने बीरबल से कहा, ‘‘बीरबल, तुम्हें अकबर बाद शाह के सामने बीरबल से कहा, ‘‘बीरबल, तुम्हें अकबर बादशाह ने सुअर और कुत्तों का अफसर नियुक्त किया है।’’
इस पर बीरबल ने कहा, ‘‘बहुत खूब, तब तो आपको भी मेरी आज्ञा में रहना पड़ेगा।’’
यह सुनते ही अकबर बादशाह हंस पड़े और वजीर अबुल फजल ने लज्जित होकर अपना सिर झुका लिया।
आत्मविश्वास सबसे बड़ा हथियार : अकबर-बीरबल कहानियाँ
आत्मविश्वास सबसे बड़ा हथियार : अकबर-बीरबल कहानियाँ |
बीरबल ने जवाब दिया,
‘‘बादशाह सलामत! संसार में सबसे बड़ा हथियार है आत्मविश्वास।’’
अकबर ने बीरबल की इस बात को सुनकर अपने दिल में रख लिया और किसी समय इसकी परख करने का निश्चय किया। दैवयोग से एक दिन एक हाथी पागल हो गया। ऐसे में हाथी को जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता था।
अकबर ने बीरबल के आत्मविश्वास की परख करने के लिए उधर तो बीरबल को बुलावा भेजा और इधर हाथी के महावत को हुक्म दिया कि जैसे ही बीरबल को आता देखे, वैसे ही हाथी की ंजंजीर खोल दे।
बीरबल को इस बात का पता नहीं था। जब वे बादशाह अकबर से मिलने उनके दरबार की ओर जा रहे थे तो पागल हाथी को छोड़ा जा चुका था। बीरबल अपनी ही मस्ती में चले जा रहे थे कि उनकी नजर पागल हाथी पर पड़ी, जो चिंघाड़ता हुआ उनकी तरफ आ रहा था।
बीरबल हाजिर जबाव, बेहद बुद्धिमान, चतुर और आत्मविश्वासी थे। वे समझ गए कि बादशाह अकबर ने आत्मविश्वास और बुद्धि की परीक्षा के लिए ही पागल हाथी को छुड़वाया है।
दौड़ता हुआ हाथी सूंड को उठाए तेजी से बीरबल की ओर चला आ रहा था। बीरबल ऐसे स्थान पर खड़े थे कि वह इधर-उधर भागकर भी नहीं बच सकते थे। ठीक उसी वक्त बीरबल को एक कुत्ता दिखाई दिया। हाथी बहुत निकट आ गया था। इतना करीब की वह बीरबल को अपनी सूंड में लपेट लेता। तभी बीरबल ने झटपट कुत्ते की पिछली दोनों टांगें पकड़ीं और पूरी ताकत से घुमाकर हाथी पर फेंका। बुरी तरह घबराकर चीखता हुआ कुत्ता जब हाथी से जाकर टकराया तो उसकी भयानक चीखें सुनकर हाथी भी घबरा गया और पलटकर भागा।
अकबर को बीरबल की इस बात की खबर मिल गई और उन्हें यह मानना पड़ा कि बीरबल ने जो कुछ कहा है, वह सच है। आत्मविश्वास ही सबसे बड़ा हथियार है।
ईमानदार जनता : अकबर-बीरबल कहानियाँ
ईमानदार जनता : अकबर-बीरबल कहानियाँ |
बीरबल ने तुरन्त उत्तर दिया,
‘‘बादशाह सलामत! आपके राज्य में कोई भी पूरी तरह ईमानदार नहीं है, न ही वो आपसे ज्यादा प्यार करती है।’’
‘‘यह तुम क्या कह रहे हो बीरबल
‘‘मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूं बादशाह सलामत!’’
‘‘ठीक है, तुम हमें साबित करके दिखाओं’’ बादशाह अकबर बोले।
बीरबल ने नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि बादशाह सलामत एक भोज करने जा रहे हैं। उसके लिए सारी प्रजा से अनुरोध है कि कल सुबह दिन निकलने से पहले हर आदमी एक-एक लोटा दूध डाल दे। कडाहे रखवा दिये गये हैं। उनमें हर आदमी दूध डाल जायें। हर आदमी ने यही सोचा कि जहां इतना दूध इकट्टा होगा, वहां उसके एक लोटे पानी का क्या पता चलेगा? अतः हर आदमी कड़ाहों में पानी डाल गया।
सुबह जब अकबर ने उन कड़ाही को देखा जिनमें जनता से दूध डालने को कहा गया था, तो दंग रह गये।
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