पैतृक सम्‍पति


2 अक्‍टूबर गांधी का जन्‍मदिन है इसलिए गाँधी जयंती के अवसर पर भारत में राष्‍ट्रीय अवकाश होता है 15 जून 2007 को यह घोषणा की गई थी कि सयुंक्‍त राष्‍ट्र महासभा एक प्रस्‍ताव की घोषणा की, कि 2 अक्‍टूबर (2 अक्‍टूबर) को अंतर्राष्‍ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

अक्‍सर पश्चिम में महात्‍मा शब्‍द का अर्थ गलत रूप में ले लिया जाता है उनके अनुसार यह संस्‍कृत से लिया गया है जिसमे महा का अर्थ महान और आत्‍म का अर्थ आत्‍मा होता है। ज्‍यादातर सूत्रों के अनुसार जैसे दत्ता और राबिनसन के रबिन्‍द्रनाथ टेगौर संकलन में कहा गया है कि रविन्‍द्रनाथ टेगौर ने सबसे पहले गाँधी को महात्‍मा का खिताब दिया था। अन्‍य सूत्रों के अनुसार नौतामलाल भगवानजी मेहता ने 21 जनवरी 1915 में उन्‍हें यह खिताब दिया था। हालाँकि गाँधी ने अपनी आत्‍मकथा में कहा है कि उन्‍हें कभी नही लगा कि वे इस सम्‍मान के योग्‍य हैं। मानपत्र के अनुसार, गाँधी को उनके न्‍याय और सत्‍य के सराहनीये बलिदान के लिए महात्‍मा नाम मिला है।

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1930 में टाइम पत्रिका ने महात्‍मा गाँधी को वर्ष का पुरूष का नाम दिया। 1999 में गाँधी अलबर्ट आइंस्‍टाइन जिन्‍हे सदी का पुरूष नाम दिया गया के मुकाबले द्वितीय स्‍थान जगह पर थे। टाइम पत्रिका ने दलाई लामा, लेच वालेसा, डॉ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर सेसर शावेज, औंग सान सू कई, बेनिग्‍नो अकुइनो जूनियर डेसमंड टूटू और नेल्‍सन मंडेला को गाँधी के पुत्र के रूप में कहा और उनके अहिंसा के आद्यात्मिक उतराधिकारी, भारत सरकार प्रतिवर्ष उल्‍लेखनीय सामाजिक कार्यकर्ताओं, विश्‍व के नेताओं और नागरिकों को महात्‍मा गाँधी शांति पुरूस्‍कार से पुरूस्‍कृत करती है। नेल्‍सन मंडेला, साऊथ अफ्रीका के नेता जो कि जातीय मतभेद और पार्थक्‍य के उन्‍मूलन में संघर्षरत रहे है, इस पुरूस्‍कार के लिए एक प्रवासी भारतीय के रूप में प्रबल दावेदार हैं।

1996 में, भारत सरकार ने महात्‍मा गाँधी की श्रृंखला के नोटों के मुद्रण को 1, 5, 10, 20, 50, 100, 500, और 1000 के अंकन के रूप में आरम्‍भ किया। आज जितने भी नोट इस्‍तेमाल में है उनपर महात्‍मा गाँधी का चित्र है। 1961 में यूनाइटेड किंगडम ने डाक टिकेट की एक श्रृंखला महात्‍मा गाँधी के शत्‍वर्शिक जयंती के उपलक्ष्‍य में जारी की।

यूनाइटेड किंगडम में ऐसे अनेक गाँधी जी की प्रतिमाएँ उन खास स्‍थानों पर हैं जैसे लन्‍दन विश्‍वविद्यालय कालेज के पास ताविस्‍तोक चौक, लन्‍दन ज्रहाँ पर उन्‍होने कानून की शिक्षा प्राप्‍त की। युनाइटेड किंगडम में जनवरी 30 को राष्‍ट्रीय गाँधी स्‍मृति दिवस मनाया जाता है। संयुक्‍त राज्‍य में, गाँधी की प्रतिमाएँ न्‍यू यार्क शहर मे यूनियन स्‍क्‍वायर के बाहर और अटलांटा में मार्टिन लूथर किंग जूनियर राष्‍ट्रीय ऐतिहासिक स्‍थल और वाशिंगठन डी.सी में भारतीय दूतावास के समीप मेसासुशैट्स मार्ग में हें। भारतीय दूतावास के समीप पितर्मत्ज्बिर्ग, दक्षिण अफ्रीका जहाँ पर 1893 में गाँधी को प्रथम-श्रेणीसे निकल दिया गया था वहां उनकी स्‍मृति में एक प्रतिमा स्‍थापित की गए है। गाँधी की प्रतिमाएँ मदाम टुसौड के मोम संग्रहालय, लन्‍दन में, न्‍यू यार्क और विश्‍व के अनेक शहरों में स्‍थापित हैं।

गाँधी को कभी भी शांति का नोबेल पुरस्‍कार प्राप्‍त नहीं हुआ, हालाँकि उनको 1937 से 1948 के बीच, पाँच बार मनो‍नीत किया गया जिसमे अमेरिकन फ्रेंड्स सर्विस कमिटी द्वारा दिया गया नामांकन भी शामिल है, दशको उपरांत नोबेल समिति ने सार्वजनिक रूप में यह घोषित किया कि उन्‍हें अपनी इस भूल पर खेद है और यह स्‍वीकार किया कि पुरस्‍कार न देने की वजह विभाजित राष्‍ट्रीय विचार थे। महात्‍मा गांधी को यह पुरस्‍कार 1948 में दिया जाना था, परन्‍तु उनकी हत्‍या के कारण इस ेरोक देना प्रङा उस साल दो नए राष्‍ट्र भारत और पाकिस्‍तान में युद्ध छिङ जाना भी एक जटिल कारण था। गाँधी के मृत्‍यु वर्ष 1948 में पुरस्‍कार इस वजह से नही दिया गया कि कोई जीवित योग्‍य उम्‍मीदवार नहीं था और जब 1981 में में दलाई लामा को पुरूष्‍कृत किया गया तो समिति के अध्‍यक्ष ने ये कहा कि यह महात्‍मा गाँधी की याद में श्रधांजलि का ही हिस्‍सा है।
बिरला भवन (या बिरला हॉउस), नई दिल्‍ली जहाँ पर 30 जनवरी 1948 को गाँधी की हत्‍या की गई। का अधिग्रहण भारत सरकार ने 1971 में कर लिया तथा 1973 में गाँधी स्‍मृति के रूप में जनता के लिए खोल दिया, यह उस कमरे को संजोय हुए है जहाँ गाँधी ने अपने आखिर के चार महीने बिताये और वह मैदान भी जहाँ रात के टहलने के लिए जाते वक्‍त उनकी हत्‍या कर दी गयी। एक शहीद स्‍तम्‍भ अब उस जगह को चिन्हित करता हैं जहाँ पर उनकी हत्‍या कर दी गयी थी।


प्रति वर्ष 30 जनवरी को, महात्‍मा गाँधी के पुण्‍यतिथि पर कई देशों के स्‍कूलों में अहिंसा और शांति का स्‍कूली दिन मनाया जाता है जिसकी स्‍थापना 1964 स्‍पेन में हुयी थी। वे देश जिनमें दक्षिणी गोलार्ध कैलेंडर इस्‍तेमाल किया जाता हैं, वहां 30 मार्च को इसे मनाया जाता है। 
पैतृक सम्‍पति पैतृक सम्‍पति Reviewed by Kahaniduniya.com on अक्तूबर 03, 2019 Rating: 5

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