राष्ट्रपिता का खिताब – महात्मा गांधी को भारत के राष्ट्रपिता का
खिताब भारत सरकार ने नहीं दिया, अपितु एक बार सुभाषचंद्र बोस ने उन्हें राष्ट्रपिता
कहकर संबोधित किया था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उन्हें राष्ट्रपिता कहकर
संबोधित किया था।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जीवन परिचय
गांधीजी मृत्यु पर एक अंग्रेजी ऑफिसर ने कहा था कि “जिस गांधी को हमने इतने वर्षो तक कुछ नहीं
होने दिया, ताकि भारत में हमारे खिलाफ जो माहौल हैं, वो और न बिगङ जाये, उस गांधी
को स्वतंत्र भारत एक वर्ष भी जीवित नहीं रख सका”
गांधीजी ने स्वदेशी आंदोलन भी चलाया था, जिसमें उन्होंने सभी लोगों
से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने की मांग की और फिर स्वदेशी कमङों आदि के
लिए स्वयं चरखा चलाया और कपङा भी बनाया।
गांधीजी ने देश-विदेश में कुछ आश्रमों की भी स्थापना की, जिनमें
टॉलस्टॉय आश्रम और भारत का साबरमती आश्रम बहुत प्रसिद्ध हुआ।
गांधीजी आत्मिक शुद्धि के लिए बङे ही कठिन उपवास भी किया करते थे।
गांधीजी ने जीवन पर्यन्त हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए प्रयास किया।
2 अक्टूबर को गांधीजी जन्मदिवस पर समस्त भारत में गांधी जयंती मनाई
जाती है।
इस प्रकार गांधीजी बहुत ही महान व्यक्ति थे, गांधीजी ने अपने जीवन
में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये, उनकी ताकत ‘सत्य और अहिंसा’ थी और आज भी हम
उनके सिद्धांतों को अपनाकर समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते है।
गांधीजी की कुछ अन्य रोचक बातें
Reviewed by Kahaniduniya.com
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अक्तूबर 02, 2019
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