हेनरी फोर्ड एक अमेरिका उद्योगपति, फोर्ड
मोटर कंपनी के संस्थापक और मास (Mass) उत्पादन असेंबली लाइन के स्पोंसर भी थे।
फोर्ड ने हपली ऑटोमोबाइल कंपनी विकसित की
और निर्मित भी की जिसे अमेरिका के मध्यम वर्गीय लोग भी आसानी से ले सकते थे।
उनके द्वारा निर्मित ऑटोमोबाइल कंपनी को
उन्ही के उपनाम पर रखा गया था और जल्द ही इस कंपनी ने पूरी दुनिया मे अपनी पहचान
बना ली और साधारण ऑटोमोबाइल कंपनी ने जल्द ही बहुमूल्य कार बनाना शुरू किया और
20 वीं शताब्दी में अपनी एक प्रभावशाली छाप छोङी।
इसके बाद उन्होंने मॉडल टी नामक गाङी
निकाली जिसने यातायात और अमेरिकी उद्योग में क्रांति ला दी। फोर्ड कंपनी के मालिक
होने के साथ ही दुनिया के सबसे धनि और समृद्ध लोगों में से एक थे।
उनहें “फोर्डीजम” की संज्ञा भी दी गयी थी। फोर्ड अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर अपनी व्यापकता को बढाना चाहती थी इसीलिए उन्होंने अपनी गाङियों की
कीमतों में कमी कर बहुत से ग्राहकों को आकर्षित भी किया था।
इसके बाद फोर्ड की फ्रेचाईसी भी उत्तरी
अमेरिका के बहुत से भागो में खोली गयी। उन्होंने अपनी अधिकांश संपत्ति भी फोर्ड
फाउंडेशन के नाम पर कर दी थी और ऐसी व्यवस्था भी करा दी थी कि वह स्थायी रूप से
उनके ही परिवार के नियंत्रण में बनी रहे।
प्रारंभिक जीवन
हेनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई 1863 को
मिशिगन के ग्रीनफील्ड फार्म में हुआ था। असल में उनका परिवार इंग्लैंड के
सॉमरसेट से था। फोर्ड के 15 साल की आयु में ही उनके माता-पिता की मृत्यु हो गयी
थी।
हेनरी फोर्ड के भाई-बहनों में मार्गरेट
फोर्ड (1867-1938), जेन फोर्ड (1871-1917) और रोबर्ट फोर्ड (1873-1934) शामिल है।
किशोरावस्था में उनके पिताजी ने उन्हें
एक जेब घङी दी थी। 15 साल की आयु में फोर्ड पूरी तरह गिर चुके थे लेकिन दोस्त और
पङोसियों की सहायता से वे फिर उठकर खङे हुए और घङी ठीक करने वाले के रूप में उन्होंने
अपनी पहचान बनायी।
परिस्थिति को देखकर उनके पिता उन्हें
पारिवाहिक फार्म देना चाहते थे लेकिन फोर्ड को फोर्म पर काम कारना पसंद नही था।
बाद में उन्होंने लिखा की, “मुझे कभी भी फार्म से प्यार ही नही था –
बल्कि फार्म में काम करने वाली मेरी माँ से मुझे प्यार था।”
1879 में जेम्स एफ। फ्लावर & ब्रदर्स और बाद में 1882 में ड्राई डॉक
कंपनी के साथ काम करने के लिये उन्होंने घर छोङ दिया था। बाद में उन्होंने
वेस्टिंगहाउस में भी स्टीम इंजन पर काम किया। इस समय में फोर्ड ने गोल्डस्मिथ,
ब्रायंट & स्रट्रेटन बिजनेस कॉलेज में बुककीपिंग का भी अभ्यास किया था।
विवाह परिवार
फोर्ड ने क्लारा जेन ब्रायंट (1866-1950)
से 11 अप्रैल 1888 को हुई थी और उनकी पत्नी की सहायता से ही वे एक सॉमिल भी चलाते
थे। उनका एक बेटा भी है : एड्सेल फोर्ड (1893-1943)।
करियर
1891 में फोर्ड एडिसन ज्ञानवर्धन कंपनी के
इंजिनियर बने।
1893 में मुख्य इंजिनियर के रूप में उनका
प्रमोशन होने के बाद उनके पास पर्याप्त समय और पैसे दोनों थे। और तभी उन्होंने
गैसोलीन इंजन पर खोज कना भी शुरू किया। उनकी यह खोज 1896 में पूरी हुई और उन्होंने
एक गाङी का भी निर्माण किया जिसका अपनी क्वैडसाइकिल में बहुत से सुधार भी किये।
1896 फोर्ड ने एडिसन के एग्जीक्यूटिव की
मीटिंग भी अटेंड की, वहाँ उनका परिचय थॉमस एडिसन से हुआ था। वहाँ उन्होंने फोर्ड
ऑटोमोबाइल के प्रोजेक्ट को सभी के सामने रखा।
एडिसन ने उनके इस प्रोजेक्ट को सराहना भी
की और फोर्ड के आकार और गाङी बनाने का काम भी 1898 में पूरा हुआ।
डेट्रॉइट लंबर बैरन विलियम एच. मर्फी की
पूँजी के समर्थन से चलने वाले फोर्ड ने एडिसन कंपनी से इस्तीफा भी दे दिया था और
5 अगस्त 1899 को नयी डेट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना भी की थी।
उस समय पहले कम गुणवत्ता वाली गाङियों के
निर्माण में भी बहुत लागत लगती थी इसी वजह से उनकी कीमत भी ज्यादा होती थी। इसी
वजह से इस कंपनी को सफलता नही मिल सकी और जनवरी 1901 में कंपनी खत्म हो गयी थी।
बाद में सी. हेरोल्ड विल्स की सहायता से
फोर्ड को फिर से डिजाईन किया गया, इसे पुनर्निर्मित किया गया और सफलतापूर्वक अक्टूबर
1901 में 26 हॉर्सपावर के साथ चलाया गया था। इसी सफलता के साथ मर्फी और दूसरे
सहकर्मियों ने डेट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी को बदलकर हेनरी फोर्ड कंपनी की स्थापना
30 नवम्बर 1901 को की थी, जिसकी फोर्ड मुख्य इंजिनियर थे।
1902 में फोर्ड के कंपनी छोङकर चले जाने
के बाद मर्फी ने फिर से कंपनी का नाम बदलकर किडिलैक ऑटोमोबाइल कंपनी रखा।
1902 में ही 8+ हॉर्सपावर के साथ फोर्ड ने साइकिलिस्ट
कूपर के साथ मिलकर रेस “999” में जीत भी हासिल की। इसके बाद फोर्ड को
एजेग्जेंडर व्हाय। मलकोम्सों का समर्थन मिला जो डेट्रॉइट के ही कोल् डीलर थे।
उन्होंने पार्टनरशिप में फोर्ड & मलकोम्सों लिमिटेड की स्थापना भी की जो
ऑटोमोबाइल का उत्पादन करती थी इसके बाद फोर्ड बहुमूल्य गाडियों के निर्माण और
उन्हें डिजाईन करने में लग गये।
ऱोचक बाते
अल्दौस हक्सले के ब्रेव न्यू वर्ल्ड
(1932) में फोर्डीस्ट का आयोजन किया। और तभी फोर्ड ने अपने पहले मॉडल टी का भी
अनावरण किया।
ओप्टन सिंक्लैर ने 1937 में फोर्ड की
काल्पनिक कहानी का वर्णन अपने नॉवेल दी फ्लिवर किंग में किया था।
बहुत से इतिहासिक नॉवेल मे फोर्ड का उपयोग
किसी व्यक्तिगत चरित्र को दर्शाने के लिये भी किया गया था, जिसने मुख्य रूप से
इ.एल. डोक्टोरो का रागटाइम (1975) और रिचर्ड पॉवर का नॉवेल थ्री फार्मर ऑन दी वे
ऑफ डांस (1985) शामिल है।
1986 में रोबर्ट लकी की बायोग्राफी में
फोर्ड, उनके परिवार और उनकी कंपनी तीनो का ही वर्णन था और उसका शीर्षक था, “फोर्ड: दी मैन एंड दी मशीन” इस किताब को 1987 में अपनाया गया था।
2005 में इतिहासिक उपन्यास दी प्लाट
अगेंस्ट अमेरिका में फिलिप रोथ ने फोर्ड को एक बहुदिमागी व्यक्ति भी बताया था।
ब्रिटिश लेखक डगलस गालब्रेथ ने फोर्ड के
शांति जहाज का उपयोग उपन्यास किंग हेनरी (2007) के मौत की जगह के रूप में किया
था।
2008 में ही फोर्ड ने दुनिया में अपनी
पहचान बनवा ली थी और दुनिया की सबसे कीमती और बहुमूल्य गाङिया बनाने वाली
कंपनियों में भी शामिल हो गयी।
1946 में वे ऑटोमोबाईल हॉल ऑफ फेम भी रह
चुके है।
हेनरी फोर्ड
Reviewed by Kahaniduniya.com
on
अक्टूबर 23, 2019
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