शरद पूर्णिमा को ‘कोजागर पूर्णिमा के नाम
से भी जाना जाता है, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन धन की देवी मां लक्ष्मी
का जन्म हुआ था, साथ ही कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी माता आसमान
में विचरण करती हैं और जागने वाले भक्तों को धन-वैभव का वरदान देती हैं, मान्यता
है कि कोजागर पूर्णिमा के व्रत से दरिद्रता दूर होती है और घर में धन की वर्षा
होती है,
कोजागर पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त
कोजागर पूर्णिमा तिथि: रविवार, 13 अक्टूबर
2019
पूर्णिमा की तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर
2019 की रात 12 बजकर 36 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर की
रात 02 बजकर 38 मिनट तक
चंद्रोदय का समय: 13 अक्टूबर 2019 की शाम
05 बजकर 26 मिनट
कोजागर पूर्णिमा का महत्व
हिन्दू धर्म में कोजागर पूर्णिमा का
विशेष महत्व है, मान्यता है कि इस दिन धन की देवी लक्ष्मी रात के समय आकाश में
विचरण करते हुए कहती हैं- ‘को जाग्रति’ संस्कृत में ‘को जाग्रति’ का मतलब है कि ‘कौन
जगा हुआ है?’ कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन रात में जगा होता
है मां लक्ष्मी उन्हें उपहार देती हैं, माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही
मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इस वजह से देश के कई हिस्सों मे इस दिन मां लक्ष्मी
की पूजा की जाती है, जिसे ‘कोजागरी लक्ष्मी पूजा’ के नाम से जाना जाता है, मान्यता
है कि कोजागर पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से सभी दुखों का नाश होता है और घर-गृहस्थी
सुख-संपन्न हो जाती है,
कोजागर
पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि
> शरद पूर्णिमा के दिन स्नान कर स्वच्छ
वस्त्र धारण करें और दिन
भर व्रत का संकल्प लें, फिर घर के मंदिर या पूजा स्थान
पर पीतल, चांदी, तांबे या सोने से बनी लक्ष्मी की प्रतिमा को कपङे से ढककर पूजा
करें,
> माता की ढकी हुई प्रतिमा के आगे घी का
दीपक जलाएं,
> अब हाथ में फूल लेकर मां का आह्राहन करें,
> मां की प्रतिमा को पंचामृत और फिर शुद्ध ज
अर्पित करें,
> फिर मां को पुष्प, ॠतुफल और नैवेद्य
अर्पित करें उनकी आरती उतारें,
> शाम के समय दूध से बनी खीर तैयार करें,
> इसके बाद रात्रि के समय चंद्रोदय होने पर
घर में घी के 11 दीपक जलाएं,
> अब आकाश के नीचे चांद की रोशनी में खीर को
रखे,
> इसके बाद माता लक्ष्मी की आरती उतारें,
> रात 12 बजे सबसे पहले मां लक्ष्मी को
चांद की रोशनी में रखी खीर को भोग लगाएं,
> अब इस खीर को घर के सभी लोगों में प्रसाद
स्वरूप वितरण करें,
> इस पूर्णिमा के दिन रात्रि जागरण करना
चाहिए।
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी
माता
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाताा
ॐ जय लक्ष्मी माता......।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ॠषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता......।।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ॠद्धि सिद्धि धन
पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता....।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता....।।
जिस घर में तुम रहती सब सदगुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराताा
ॐ जय लक्ष्मी माता....।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता....।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, श्रीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता....।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।।
शरदपुर्णिमा के दिन ऐसे करें लक्ष्मी पूजन, जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व
Reviewed by Kahaniduniya.com
on
अक्तूबर 11, 2019
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