कछुआ और खरगोश
एक बार की बात है कि एक जंगल में एक कछुए और एक खरगोश में रेस हो
गयी, अभी दौङते-दौङते थोङा ही समय गुजरा था कि खरगोश ने पीछे मुङकर देखा कि कछुआ
काफी पीछे रह गया है,
उसने सोचा कि कछुए की चाल तो बहुत ही धीमी है इसलिए मैं थोङी
देर विश्राम कर लेता हॅू,
अब वह एक पेङ की ठंडी छॉव में ऐसा सोया कि कछुआ, धीमी
चाल होने के बावजूद भी, उससे आगे निकल कर अपने गन्तव्य तक पहॅुच कर रेस जीत गया,

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