एडीसन ने सीखे अपनी विफलताओं से सबक

थॉमस अल्‍वा एडीसन बहुत बङे वैज्ञानिक थे। उनके द्वारा किए गए अविष्‍कारों की वजह से आज हमारे अनेक कार्य सुविधाजनक ढंग से संपन्‍न होते हैं। एडीसन निरंतर नवीन प्रयोगों में व्‍यस्‍त रहते थे। खाना-पीना सब भूलकर रात-दिन एक करते हुए वे अपनी वैज्ञानिक खोजों केा निश्चित व सार्थक परिणाम देते थे। यह बात उन दिनों की है जब एडीसन स्‍टोरेज बैटरी बनाने के कार्य में जुटे हुए थे।

लगातार परिश्रम के बाद भी उन्‍हें सफलता नहीं मिल रही पा रही थी। कुल मिलाकर एडीसन ने 25 बार स्‍टोरेज बैटरी बनाने का प्रयास किया, किंतु विफल रहे। एडीसन परेशान हो गए लेकिन उन्‍होंने हिम्‍मत नहीं हारी ओर मन में विचार किया कि एक बार और कोशिश कर ली जाए। 26वीं बार जब उन्‍होंने स्‍टोरेज बैटरी बनाने की दिशा में नए तरीके से कार्य करना आरंभ किया तो उन्‍हें सफलता हासिल हो गई। तत्‍पश्‍चात् आयोजित पत्रकार वार्ता में उनसे एक पत्रकार ने प्रश्‍न किया-स्‍टोरेज बैटरी बनाने में आप 25 बार विफल रहे। इसका मतलब यह है कि इतना समय आपने निरर्थक ही गंवाया। इससे आपको कुछ भी हासिल नहीं हुआ। तब एडीसन मुस्‍कुराते हुए बोले-आप गलत कहते हैं। ऐसा करने से मुझे 25 ऐसे तरीके पता चले, जिनसे स्‍टोरेज बैटरी बन ही नहीं सकती।

सार यह है कि नाकारात्‍मक बातों में सकारात्‍मक बातें खोज लेना ही उस जीवटता को जन्‍म देता है, जो असंभव कार्यो को भी संभव करने की प्रेरणा व शक्ति देती है। असफलता मिलने पर निष्क्रिय हो जाने की बजाय पुन: प्रयास करने से एक दिन सफलता अवश्‍य प्राप्‍त होती है।


उत्‍तम विचार – यदि आप विनम्र रहेंगे तो लोग नमन करते हुए सहयोग करेंगे। 
एडीसन ने सीखे अपनी विफलताओं से सबक                      एडीसन ने सीखे अपनी विफलताओं से सबक Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 14, 2019 Rating: 5

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