एक गूँज - Hindi Story

 एक गूँज  - Hindi Story

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 एक गूँज - Hindi Story
एक छोटा बच्चा अपने माँ से नाराज होकर चिल्लाने लगा, ‘‘मैं तुमसे नफरत करता हूँ।’’ उसके बाद वह फटकारे जाने के डर से घर से भाग गया। 

वह पहाड़ियों के पास जाकर चीखने लगा, ‘‘मैं तुमसे नफरत करता हूँ।, मैं तुमसे नफरत करता हूँ। ‘‘और वही आवाज गूँजी, ‘‘मैं तुमसे नफरत करता हूँ, मैं तुमसे नफरत करता हूँ। ‘‘उसने जिंदगी में पहली बार गूँज सुनी थी। वह डर कर बचाव के लिए माँ के पास भागा और बोला, घाटी में एक बूरा बच्चा है जो चिल्लाता है, ‘‘मैं तुमसे नफरत करता हूँ, मैं तुमसे नफरत करता हूँ।’’

उसकी माँ सारी बात समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा  िकवह पहाड़ी पर जा कर फिर से चिल्ला कर कहें,’’

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।’’

छोटा बच्चा वहाँ गया और चिल्लाया, ‘‘मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।’’ और वही आवाज गूँजी। 

और इस तरह इस घटना से उस बच्चे को एक सीख मिली - हमारा जीवन एक सघर्ष हैं। हम जो देते है वही पाते हैं। 

शिक्षा:- हमें जीवन में अच्छे कार्य करने चाहिए, जिससे हमें अच्छा फल मिले । 


वाणी फल Hindi Story

एक किसाने ने अपने पड़ोसी की निंदा की। अपनी गलता का एहसास होने पर वह पादरी से क्षमा माँगने गया। 

पादरी ने उससे कहा कि एक पखों से भरा थैला शहर के बिचोंबिच बिखेर दें। किसान ने वही किया, फिर पादरी ने कहा जाओं अब सभी पंख थैले में भर लाआ।

किसान ने ऐसा करने की बहुत कोशिश की मगर सारे पंख हवा से ईधर -उधर उड़ गए थे। 

ज वह खाली थैला लेकर लौटा तो पादरी ने कहा यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती हैं। तुमने बात तो आसानी से कह दी। लेकिन उसे वापिस नहीं ले सकते, इसलिए सदा अपनी वाणी पर सावधानी बरतनी चाहिए।   


शिक्षा:- वाणी पर हमेशा संयम रखना चाहिए, वरना पश्चात् के अलावा और कुछ नहीं बचता। 


दो घड़े और नदी - Hindi Story

एक बार एक नदी में जोरों की बाढ़ आई। सब कुछ बह गया, तीन दिनों के बाद बाढ़ का जोर कम हुआ। बाढ़ के पानी में ढे़रों चीजें बह रही थी। उनकें एक ताँबे घड़ा और एक मिट्टी का घड़ा भी था। यह दोनों अलग-अलग तैर रहे थे। 

ताँबे के घड़े ने मिट्टी के घड़े से कहा, अरे भाई, तुम तो नरम मिट््टी के बने हुए हो और बहुत नाजुक हो अगर तुम चाहो, तो मेरे समीप आ जाओ। मेरे पास रहने से तुम सुरक्षित रहोगे। 

मेरा इतना ख्याल रखने के लिए आपको धन्यवाद, मिट्टी का घड़ा बोला, मैं आपके करीब आने की हिम्मत नहीं कर सकता। आप बहुत मजबूत और बलिष्ठ हैं। मैं ठहरा कमजोर और नाजुक कहीं हम आपस में टकरा गए, तो मेरे टुकड़े-टुकड़े हो जाएँगे। यदि आप सचमुच मेरे हितैषी हैं, तो कृपया मुझझे थोड़ा दूर ही रहिए।

इतना कहकर मिट्टी का घड़ा तैरता हुआ ताँबे के घड़े से दूर चाल गया। 

शिक्षा - ताकतवर पड़ोसी से दूर रहने में ही भलाई है। 


ताकतवर कौन - Hindi Story

एक बार हवा और सूर्य में बहस छिड़ गई। हवा ने सूर्य से कहा, मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूँ। 

नही, तुम मुझसे ज्यादा ताकतवर नहीं हो। सूर्य ने प्रतिवाद किया। 

तभी उनकी नजर विश्व-भ्रमणपर निकले एक यात्री पर पड़ी। यात्री ने शाल ओढ़ रखी थी। हवा और सूर्य ने तय किया कि उनमें से जो भी उस यात्री की शाल उतरवाने में सफल होगा, वही ताकतवर कहलाएगा। 

पहली बारी हवा की आई। वह यात्री के कंधे से शाल उड़ाने के लिए पूरी ताकत से बहने लगी। पर हवा जितनी ज्यादा तेजी से बहती, यात्री उतना ही कसकर शाल को शरीर से लपेटने लगता। यह संघर्ष तब तक चलता रहा जब तक कि हवा की बारी खत्म नहीं हो गई।

अब सूर्य की बारी आई। वह जरा-सा मुस्कराया। इससे यात्री को गरमी महसूस होने लगी। उसने जल्दी ही शाल की पकड़ ढीली कर दी। सूर्य की मुस्कराहट बढ़ती गई। इसके साथ गरमी भी बढ़ती गई। फिर गरमी ने विकराल रूप धारण कर लिया। यात्री को अब शाल ओढ़ने की जरूरत नहीं रही। उसने शाल उतारकर हाथ में ले लीं। इस प्रकार सूर्य हवा से ज्यादा शक्तिशाली सिद्ध हुआ। 

शिक्षा:- केवल धौंस जमाने से कोई ताकतवर नहीं बन जाता है। 

भोला किसान - Hindi Story 

एक किसान था। वह पढ़ा-लिखा नहीं था। वह अकसर लोगों को अखबार व किताबें पढ़ने के लिए चश्मा लगाते देखा करता था। वह सोचता, अगर मेरे पास भी चश्मा होता, तो मैं भी इन लोगों की तरह पढ़ सकता। मुझे भी शहर जाकर अपने लिए चश्मा खरीद लाना चाहिए। 

एक दिन वह शहर गया। चश्मे की एक दुकान में पहुँचकर उसने दुकानदार से कहा कि मुझे पढ़ने के लिए चश्मा चाहिए। दुकानदार ने उसे तरह-तरह के चश्मे दिखाए। उसने पढ़ने के लिए उसे एक पुस्तक भी दी। किसान ने एक-एक कर अनेक चश्मे लगाकर देखे। पर वह कुछ भी नहीं पढ़ सका। उसने दुकानदार से कहा, इसमें से कोई भी चश्मा मेरे काम का नहीं है। 

छुकानदार ने शंकाभरी नजर से किसान की ओर देखा। फिर उसकी नजर किताब पर पड़ी। 

किसान ने किताब उल्टी पकड़ रखी थी।

दुकानदार ने कहा, शायद तुम्हे पढ़ना नहीं आता ?

किसान ने कहा, मुझे पढ़ना नहीं आता। इसीलिए तो मैं चश्मा खरीद रहा हूँ, दूसरों की तरह मैं भी पढ़ सकूँ। पर इनमें से किसी भी चश्मे से मैं पढ़ नही पा रहा हूँ।

दुकानदार को अपने अनपढ़ ग्राहक की असली परेशानी का पता चला, तो वह मुश्किल से अपनी हँसी रोक सका।

उसने किसान को समझाते हुए कहा, मेरे दोस्त, तुम बहुत भोले और अज्ञानी हो। सिर्फ चश्मा लगा लेने भर से किसी को पढ़ना-लिखना नहीं आ जाता! चश्मा लगाने से सिर्फ साफ-साफ दिखाई देने लगता है। पहले तुम पढ़ना-लिखना तो सीखो। फिर तुम्हें बिना चश्मे के भी पढ़ना आ जाएगा।

शिक्षा:- अज्ञान की अंधत्व है। 

जैसी करनी वैसी भरनी - Hindi Story

तीन चोर थे। एक रात उन्होंने एक मालदार आदमी के यहाँ चोरी की। चोरों के हाथ खूब माल लगा। उन्होंने सारा धन एक थैले में भरा और उसे लेकर जंगल की ओर भाग निकले। जंगल में पहुँचने पर उन्हें जोर की भूख लगी। वहाँ खाने को तो कुछ था नहीं, इसलिए उनमें से एक चोर पास के एक गाँव से खाने का कुछ सामान लाने गया। बाकी के दोनों चोरी के माल की रखवाली के लिए जंगल में ही रहे। जो चोर खाने का सामान लाने गया था, उसकी नीयत खराब थी। पहले उसने होटल में खुद छककर भोजन किया। फिर उसने अपने साथियों के लिए खाने का सामान खरीदा और उसमें तेज जहर मिला दिया। उसने सोचा कि जहरीला खाना खाकर उसके दोनों साथी मर जाएँगे तो सारा धन उसी का हो जाएगा। 

इधर जंगल में दोनों चोरों ने खाने का सामान लाने गए अपने साथ चोर की हत्या कर डालने की योजना बना ली थी। वे उसे अपने रास्ते से हटाकर सारा धन आपस में बाँट लेना चाहते थे।

तीनों चोरों ने अपनी-अपनी योजनाओं के अनुसार कार्य किया। पहला चोर ज्योंही जहरीला भोजन लेकर जंगल में पहुँचा कि उसके साथी दोनों चोर उसपर टूट पड़े। उन्होंने उसका काम तमाम कर दिया। फिर वे निश्चित होकर भोजन करने बैठे। मगर जहरीला भोजन खाते ही वे दोनों भी तड़प-तड़प कर मर गए। 

इस प्रकार इन बुरे लोगों का अंत भी बुरा ही हुआ।  

शिक्षा:- बुराई का अंत बुरा ही होता है। 

चतुर राम और कीमती मौती - Hindi Story 

राम के पास बीस बेशकीमती पुश्तैनी मोती थे। एक दिन वह सुनार के पास गया और बोला कि इन मोतियों का बहुत ही सुंदर हार बना दे। 

सुनार बहुत ही लालची था। कीमती मोती देखकर उसके मन में लालच आ गया। उसने राम से कहा, ‘‘ठीक है, लेकिन पहले मैं इन मोतियों को तुम्हारे सामने गिन तो लूं।’’

जब सुनार मोती गिन रहा था, तभी उसने चुपके से एक मोती अपनी गोद में गिरा लिया और राम से बोला, ‘‘ये तो सिर्फ 19 ही है।’’ 

राम ने सुनार को गोद में मोती गिराते हुए देख लिया था। लेकिन उसने सुनार से इस बारे में कुछ नहीं कहा। बाद में उसने सुनार से कहा, ‘‘लाओ, अब मुझे गिनने दो।’’

राम ने मोती गिनना शुरू किया और गिनने के दौरान मौका पाते ही एक मोती अपनी गोद में गिरा लिया। राम ने सुनार से कहा, ‘‘हां, ये तो वाकई 19 ही है।’’

सुनार ने कहा, ‘‘ठीक है। मैं इनका हार बना दूंगा। कल आकर ले जाना।’’ शाम को जब सुनार हार बनाने बैठा तो उसने फिर मोती गिने। 

लेकिन मोती 18 निकले। उसने मन में कहा कि जब राम ने मेरी मौजूदगी में गिना था तब तो ये 19 थे। 

अब मैं क्या करूँ? इस हार में कोई दूसरा मिलता-जुलता मोती तो लगाया नहीं जा सकता। सुनार के पास अब कोई रास्ता नहीं था। 

अगले दिन जब राम उसके पास पहुंचा तो उसने अपने पास छुपाकर रखा मोती और बाकी 18 मोती लौटा दिए। 

शिक्षा:- चतुराई से जो हो सकता है वह लड़ाई से नही। 

तोते की आजादी - Hindi Story 

बहुत पुरानी बात है। एक गांव में एक व्यक्ति रहता था। उसके पास एक तोता था। एक दिन उस व्यक्ति को काम से दूसरे गांव जाना था। यह बात तोते को पता चल गई। 

उसने अपने मालिक से कहा, ‘‘जहां आप जा रहे हैं, वहां मेरे गुरू तोता रहते हैं। क्या आप उस तक मेरा एक संदेश पहुंचा देंगे?’’ मालिक ने जवाब दिया ‘‘हां, जरूर।’’

तोते ने गुरू तोते के लिए संदेश दिया, ‘‘आजाद हवाओं में सांस लेने वाले के नाम, एक बंदी तोते का सलाम।’’

तोते का मालिक दूसरे गांव पहुंचा और अपना काम निपटाने के बाद गुरू तोते से मिला और उसे अपने तोते की ओर से भेजा गया संदेश सुनाया। संदेश सुनने के बाद गुरू तोते की मौत हो गई। 

तोते का मालिक अपने गांव लौट आया। उसने तोते को बताया कि मैंने गुरू तोते को जैसे तुम्हारी संदेश सुनाया, सुनते ही उसकी मौत हो गई। 

जैसे ही तोते ने यह बात सुनी तुरंत उसकी भी मौत हो गई। यह देखकर तोते का मालिक बहुत ही उदास हो गया। 

वह मरे हुए तोते को उठाकर बाहर फेंक आया। तभी तोता तेजी से उड़ा और बोला ‘‘मेरे गुरू तोते ने कहा था कि अगर आजादी चाहते हो तो पहले मरना सीखो।’’

शिक्षा:- आजादी के सब कुछ बलिदान देना पड़ता है। 


एक गूँज - Hindi Story  एक गूँज - Hindi Story Reviewed by Kahaniduniya.com on जून 20, 2021 Rating: 5

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