जैक मा


अगर देखा जाए तो दुनिया में रोज बहुत सारे लोग नौक‍री से निकाले जाते हैं या नौकरी पाने के लिए कंपनियों के दरवाजे खटखटाते हैं। उनमें से कुछ लोगों को नौकरी मिलती है और कुछ को नहीं। लेकिन दुनिया में कुछ लोग ही ऐसे होते हैं जो नौकरी न मिलने पर खुद की कंपनी खोलने के बारे में सोचते हैं।

इन्‍हीं लोगों में से एक जुनूनी, मेहनती, काम करने के लिए एक हद तक पागल व्‍यक्ति का नाम जैक मा है जो चीन के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं।

जिन्‍होने चीन की सबसे बङी ई कॉमर्स साइट (E Commerce Site) अलीबाबा का निर्माण किया।

एक बार KFC में नौकरी के लिए जब KFC पहली बार जैक मा का शहर में आया था। इस नौकरी के लिए 24 लोगों ने आवेदन किया था जिसमे से 23 लोगो को चयन नही हुआ। आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते की उन्‍होंने अपने जीवन मे कितनी ठोकरे खाई हैं। आइए जानते हैं जैक मा का अर्श से पर्श तक जाने की कहानी।



प्रारंभिक जीवन एवं पृष्‍ठभूमि
जैक मा का जन्‍म 10 सितम्‍बर 1964 को चीन के जेजिआंग प्रान्‍त के हन्‍हाजु गाँव में हुआ था।

जैक मा के माता-पिता का पारम्‍परिक नाटक और कहानिया सुनाने का काम किया करते थे इसी से इनकी जीविका चलती थी।

जैक मा को बचपन से ही अंग्रेजी सीखने की इच्‍छा थी। अंग्रेजी सीखने के लिए उन्‍होंने किसी शिक्षक का सहारा नहीं लिया। वे प्रतिदिन सुबह साईकिल से घर के पास की होटल पर जाते थे जहाँ अक्‍सर विदेशी नागरिक ठहरते थे। जैक मा शुरूआत में उनके साथ टूटी फूटी अंग्रेजी में बात करते थे क्‍योंकि चीन में चीनी मुख्‍य भाषा थी और अंग्रेजी सीखना जरूरी नही माना जाता था।

अब वो अपने खाली समय मे विदेशी लोगो को मुफ्‍त में शहर का गाइड करते थे। जिससे उनकी प्रेक्टिस भी होती थी और उनकी अंग्रेजी में भी सुधार होता गया।

उनहोंने नौ सालो तक यही काम किया। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि इस दौरान उन्‍होंने ना केवल अंग्रेजी सीखी बल्कि पश्चिमी लोगों के तकनीक और स्‍टाइल को भी सीखा।

इन विदेशियों को गाइड करते समय एक विदेशी मित्र से उनकी गहरी मित्रता हो गयी। जो जाने के बाद उन्‍हें पत्र लिखा करता था और उसी विदेशी मित्र ने उन्‍हें जैक नाम दिया क्‍योंकि चीनी मे उनका नाम बोलना और लिखना बङज्ञ कठिन था। तब से उनको जैक के नाम से ही जाना जाता है।

हालांकि जैक मा पढाई में बिलकुल अच्‍छे नहीं थे वो पांचवीं कक्षा में ही दो बार फेल हो गए थे। और आठवीं कक्षा में भी वो तीन बार फेल हो गए थे। बाद में बङे होने पर जब उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा दी तो तीन बार इस परीक्षा में फेल हो गये।

प्रसिद्ध हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उन्‍हें 10 बार रिजेक्‍ट किया। उसके बाद जैक ने हंजाऊ टीचर्स इंस्टिटयूट में दाखिला लिया, जहा से 1988 मे उन्‍होंने अंग्रेजी में स्‍नातक परीक्षा उतीर्ण की।

स्‍कूल के दौरान जैक को विद्यार्थी परिषदका अध्‍यक्ष चुना गया था। स्‍नातक के बाद मे वो हंजाऊ यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी और अन्‍तराष्‍ट्रीय व्‍यापार के लेक्‍चर बन गये। 

कैरियर की शुरूआत


जैक मा ने कैरियर की शुरूआत काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा।

जैक मा ने 30 अलग अलग जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किये लेकिन हर बार उन्‍हें निराशा ही हाथ लगी।

जैक मा सबसे पहले एक पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन ढीला-ढाला देखकर  उन्‍हें साफ मना कर दिया। इसके बाद उन्‍हें केएफसी ने भी रिजेक्‍ट कर दिया।

जैक इंटरनेट की दुनिया में बिजनेस करने से पहले एक ट्रांसलेशन कंपनी चलाते थे।

1994 में जैक मा ने पहली बार इन्‍टरनेट का नाम सूना। जिसके बाद वे अमेरिका गए और वहां उन्‍होंने इंटरनेट देखा और उन्‍होंने सबसे पहला शब्‍द इंटरनेट पर Beer(भालू)  टाइप किया। उनके सामने कई देशों के बीयर ऑप्‍शन दिखे लेकिन चाइनीज बीयर नहीं दिखा।

अगले बार उन्‍होंने चीन के बारे में सामान्‍य जानकारी ढूंढने की कोशिश की लेकिन फिर वो चौंक गये कि चीन को कई जानकारी इन्‍टरनेट पर उपलब्‍ध नही थी।

अपने देश की जानकारी इंटरनेट पर ना होने से जैक मा को काफी दुखी हुई। क्‍योंकि इससे उन्‍हें लग गया था कि चीन तकनीकी क्षेत्र में अन्‍य देशों से काफी पीछे है। इसी वजह से उन्‍होंने अपने दोस्‍तो के साथ मिलकर चीन की जानकारी देने वाली पहली वेबसाइट अग्‍ली(Ugly) बनाई।

सइ वेबसाइट के बनाने के महज पांच घंटो के अंदर उन्‍हें कुछ चीनी लोगो के ईमेल आये जो जैक के बारे में जानना चाहते थे। तब जैक मा को एहसास हुआ कि कि इन्‍टरनेट से बहुत कुछ किया जा सकता।

1995 में जैक मा, उनकी पत्‍नी और दोस्‍तो ने मिलकर 20,000 डॉलर इखट्टे किये और एक कम्‍पनी की शुरूआत की।

इस कम्‍पनी का मुख्‍य काम था दुसरी कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाना। उन्‍होंने अपनी कम्‍पनी का नाम चयना येल्‍लो पेजस(China Yellow Pages) रखा था।

इस कंपनी को शुरू करने के लिए जैक ने अपनी बहन से पैसे उधार लिए थे। लेकिन यह कंपनी फेल हो गई।

इसके बाद उन्‍होंने चीन की कॉमर्स मिनिस्‍ट्री मे काम किया जिसमे वे अध्‍यक्ष पद मे थे। कुछ दिनों के बाद नौकरी छोङ दी, जिसके बाद वे अपने घर हैंग्‍जू चले गए और जहा उन्‍होंने अपने 17 दोस्‍तों के साथ मिलकर अलीबाबा कंपनी की शुरूआत की। अलीबाबा कंपनी की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया  जा सकता है कि इस कंपनी ने अपना आईपीओ 4080 रूपए (68 डॉलर) पर पेश किया था और मार्केट खत्‍म होने पर इसकी कीमत 5711 रूपए (93.89 डॉलर) हो गई थी।
इसे अमेरिका का अब तक का सबसे बङा आईपीओ बताया जा रहा है। उनकी निजी संपत्ति की कीमत करीब 130800 करोङ रूपए है। Global e-commerce system को सुधारने के लिए 2003 में जैक मा ने Taobao Marketplace की स्‍थापना की। जिसके बढते प्रभाव को देखते हुए eBay ने इसे खरीदने का ऑफर दिया। लेकिन जैक मा ने eBay का प्रस्‍ताव ठुकरा दिया और इसकी बजाय उसने याहू (Yahoo) के को-फाउडर जेरी से 1 बिलियन डॉलरकी सहायता ली।        

चीन के सबसे अमीर इस व्‍यक्ति ने एक वक्‍त ऐसा भी देखा था जब उन्‍हें (KFC) केएफसी ने नौकरी देने से मना कर दिया था।  अभी की हकीकत यह है कि अलीबाबा.कॉम के नाम से मशहूर यह कंपनी दुनिया भर के 190 कंपनियों से जुङी हुई है।

अलीबाबा.कॉम वेबसाइट के अलावा तओबाओ.कॉम चलाती है जो चीन की सबसे बङी शॉपिंग वेबसाइट है। इसके अलावा चीन की बङी जनसंख्‍या को इनकी वेबसाइट तमल्‍ल.कॉम (Tmail.com) ब्रांडेड चीजें मुहैया कराती हैं।

यही नहीं, चीन में ट्विटर जैसी सोशल मीडिया सिना वाइबो (Sina Weibo) में भी इस कंपनी की बङी हिस्‍सेदारी है।

इसके साथ ही यूटयूब जैसी वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यौकू तूदोउ (Youku Tudou) में भी इसकी अहम हिस्‍सेदारी है।

ये कंपनियां मार्केटिंग, क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग और लोजिस्‍ट सेवाएं देती हैं। अलीबाबा कंपनी के शुरुआती दिनों में सिर्फ 18 लोग काम करते थे और अभी करीब 22 हजार लोग काम करते हैं।

निजी जीवन एवं शादी


जैक मा ने जेंगयिंग से शादी की थी और उनके एक पुत्र एवं एक पुत्री है।

जैक मा अपनी पत्‍नी से पहली बार तब मिले जब वो (Hangzhou NormalUniversity) में पढ रहे थे।

स्‍नातक होने के बाद तुरंत 1980 के दशक मे दोनों ने शादी कर ली और दोनों ने ही अध्‍यापक का काम शुरू कर दिया था जैक मा के बारे में उनकी पत्‍नी जैंग यिंग का मानना है ‘जैक हैंडसम नहीं है, लेकिन मुझे उनसे इसलिए प्‍यार हो गया, क्‍योंकि वे ऐसे कई काम कर सकते हैं जो हैंडसम पुरूष भी नहीं कर सकतें।

सम्‍मान और पुरूस्‍कार


2004 में जैक मा को चाईना सेंटर टेलीविजन द्वारा टॉप 10 बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर चुना गया।

2005 में जैक मा को वर्ल्‍ड इकनोमिक फोरम द्वारा Young Global Leader चुना गया और फार्च्‍यून पत्रिका में 25 Most Powerful Business People in Asia में नाम दिया गया।

2007 में बिजनेस वीक पर उन्‍हें Businessperson of the Year चुना गया।

2008 में जैक मा को Worls’s Best CEOs की 30 लोगों की लिस्‍ट में चुना गया।    

2009 में टाइम मैगजीन द्वारा जैक को विश्‍व के 100 सबसे प्रभावशाली व्‍यक्तियों की सूची में रखा गया और इसी साल उन्‍हें फोर्ब्‍स चीन की तरफ से Top 10 Most Respected Entrepreneous in China चुना गया।

2010 में जैक मा को फोर्ब्‍स एशिया द्वारा प्राकृतिक आपदा प्रबधन और गरीबी उन्‍मूलन कार्यो के लिए Asia’s Heroes of Philanthropy में से एक चुना गया।

2013 में जैक मा को Hong Kong University of Science and Technology द्वारा डॉक्‍टरेट की उपाधि दी गयी।

2014 में फोर्ब्‍स द्वारा विश्‍व के पशक्तिशाली व्‍यक्तियों की सूची में 30वां स्‍थान दिया गया।


2015 में जैक मा को The Asian Awards में Entrepreneour of the Year से नवाजा गया।   
जैक मा जैक मा Reviewed by Kahaniduniya.com on अक्टूबर 23, 2019 Rating: 5

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