नवरात्रि की पूजा विधि


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नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि पहला दिन
पूजा विधि
माँ शैलपुत्री
नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना करने के लिए सबसे पहले पूजा स्‍थान को अच्‍छी तरह से साफ करके गंगाजल छिङकर शुद्ध कर ले, इसके बाद माँ दुर्गा की प्रतिमा को पूजा स्‍थल पर स्‍थापित करें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में घटस्‍थापना यानि की कलश की स्‍थापना करें, कलश पर स्‍वस्तिक का चिन्‍ह बनाकर उसमें मौली बांध ले, अब कलश में गंगाजल मिलकर शुद्ध जल से कलश को भर दे, कलश में सुपारी, या सिक्‍का डालकर कलश में आम के पत्ते रख दे, कलश के ऊपर नारियल रखकर मंदिर में स्‍थापित कर दे, इसके बाद माता को लाल चुनरी ओढाकर तिलक कर पूजा करनी चाहिए।

नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी पूजा विधि
नवरात्रि दूसरा दिन
पूजा विधि
माँ ब्रह्मचारिणी
नवरात्री के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्‍वरूप अर्थात मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सर्वप्रथम स्‍नान के बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करने चाहिए, इसके बाद माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से पूर्व उनकी प्रतिमा पूजा स्‍थल पर सथापित करें। फूल, धूप और दीपक जलाएं नैवेद्य अर्पण करें। इसके बाद माँ की कथा पढनी चाहिए और 108 बार मंत्र का बार जाप करना चाहिए।
नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा पूजा विधि
नवरात्रि का तीसरा दिन
पूजा विधि
माँ चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के लिए सर्वप्रथम माता की चौकी पर माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा स्‍थापित करें। गंगा जल से इसे शुद्ध करें, इसके बाद चौकी पर एक कलश में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्‍थापना करें। पूजा का संकल्‍प लेकर सभी देवी-देवताओं का आवाहन करें, सभी प्रकार की पूजन सामग्री जैसे-वस्‍त्र, सुहाग, पिटारी, चंदन, रोली, अक्षत, हल्‍दी, सिंदूर, दुर्वा, फूल, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, दक्षिणा, अर्पित कर पूजा करें, पूजा संपन्‍न के बाद प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्‍न करनी चाहिए।

नव‍रात्रि चौथा दिन माँ कूष्‍माण्‍डा पूजा विधि
नवरात्रि चौथा दिन
पूजा विधि
माँ कुष्‍मांडा
नवरात्री के चौथे दिन माँ कूष्‍माण्‍डा की पूजाके लिए सर्वप्रथम कलश और सभी देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद माँ के चौथे स्‍वरूप देवी कूष्‍माण्‍डा की पूजा करनी चाहिए, पूजा से पहले हाथों में फूल लेकर व्रत या पूजा का संकल्‍प करे इसके बाद पूजा सामग्री जैसे- चंदन, रोली, हल्‍दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्‍पत्र, गहने, फूल, इत्र, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, आदि माँ को अर्पित करें। पूजा संपन्‍न होने के बाद प्रसाद वितरण करना चाहिए।
नवरात्रि पांचवा दिन स्‍कंदमाता पूजा विधि
नवरात्रि पाचवां दिन
पूजा विधि
माँ स्‍कंदमाता
नवरात्री के पांचवे दिन सर्वप्रथम देवी स्‍कंद माता की प्रतिमा के सामने एक चौकी पर पीला वस्‍त्र बिछा ले अब इसपर कुमकुम से ॐ लिखकर माँ की प्रतिमा इसपर स्‍थापित कर ले, पूजा का संकल्‍प लेने से पहले हाथो में पीले फूल लेकर माँ के भव्‍य स्‍वरूप का ध्‍यान करे और संकल्‍प ले, संकल्‍प के बाद फूल को माँ को अर्पित कर दे, माँ को प्रसन्‍न करने के लिए पीले नैवेद्य का भोग लगाए और पीले फल फूल अर्पित करे, माँ के समक्ष श्रद्धा पूर्वक प्रार्थना करे पूजा के बाद प्रसाद का वितरण अवश्‍य करे।

नवरात्रि छठा दिन माँ कात्‍यायनी पूजा विधि
नवरात्रि छठा दिन
पूजा विधि
माँ कात्‍यायनी
नवरात्री के छठे दिन दुर्गा माँ के छठे स्‍वरूप देवी कात्‍यायनी की पूजा की जाती है, इस दिन भी सबसे पहले कलश और सभी देवी-देवताओं की पूजा अराधना करनी चाहिए, इस सभी की पूजा के पश्‍चात माँ कात्‍यायनी की विधिवत पूजा करनी चाहिए, पूजा से पूर्व हाथों में फूल लेकर व्रत का संकल्‍प लेना चाहिए गोधूली वेला अर्थात जब सूर्यास्‍त का समय हो पीले या लाल वस्‍त्र पहनने चाहिए और पीले फूल, पीला नैवेद्य माता के चरणों में अर्पित करना चाहिए इसके बाद घी का दीपक जलाकर संभव हो तो मां को लाल और पीले वस्‍त्र भी अर्पित कर सकते है इसके बाद माँ के मंत्रो का उच्‍चारण करना चाहिए, कहते है कि यदि सच्‍चे मन से माँ की पूजा अर्चना की जाय तो माँ आपके सभ कष्‍टों को हर लेती है।

नवरात्रि सातवां दिन माँ कालरात्रि पूजा विधि
नवरात्रि सातवां दिन
पूजा विधि
माँ कालरात्रि
नवरात्री में सप्‍तमी तिथि का खास महत्‍व होता है, इस दिन की पूजा भी अन्‍य दिनों की तरह ही होती है नवरात्री के सातवे दिन माँ कालरात्रि की पूजा से पूर्व पहले कलश और अन्‍य देवी-देवता की पूजा करे, पूजा से पूर्व हाथों में फूल लेकर देवी माँ के सामने नतमस्‍तक होकर मंत्र का ध्‍यान करना चाहिए, कहते है की इस दिन से भक्‍तों के लिए माँ के द्वार खुल जाते है और भक्‍तजन पूजा स्‍थलों पर माँ के दर्शनों के लिए जुटने लगते है नवरात्रि के सातवें दिन रात्रि पूजा का भी विशेष महत्‍व होता है।

नवरात्रि आठवां दिन महागौरी पूजा विधि
नवरात्रि आठवां दिन
पूजा विधि
माँ महागौरी
नवरात्री में अष्‍टमी तिथि का विशेष महत्‍व बताया गया है, कुछ लोग अष्‍टमी तिथि के दिन कन्‍या पूजन भी करते है मान्‍यता है की अष्‍टमी तिथि के दिन सर्वप्रथम श्री गणेश जी का आह्राहन कर उनकी पूजा करनी चाहिए गणेश जी को सुपारी, लोंग, पान, चावल, फूल, इलायची, रोली, मौली, चन्‍दन, सिन्‍दूर, फल, मेवा, और दक्षिणा आदि चढानी चाहिए इसके बाद कलश और अन्‍य देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए अब महागौरी की प्रतिमा को जल, और दूध, से स्‍नान कराकर पीले वस्‍त्र अर्पित करने चाहिए, मां की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर मन से उनका ध्‍यान करें, पूजा में सुहाग पिटारी अवश्‍य रखे, महागौरी की पूजा में सफेद या पीले फूल माँ को अर्पित करे और मन्‍त्रों का जाप करें।

नवरात्रि नौवां दिन सिद्धिदात्री पूजा विधि
नवरात्रि नौवां दिन
पूजा विधि
माँ सिद्धिदात्री

नवरात्री के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है सिद्धिदात्री देवी भक्‍तों केा अष्‍ट सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी है नवमी तिथि नवदुर्गा के आखरी दिन माता सिद्धिदात्री के अलावा अन्‍य देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है। इस दिन सबसे पहले माता की चौकी पर सिद्धिदात्री माँ की की प्रतिमा रखे और हवन आदि करे दुर्गा सप्‍तशती श्‍लोक मंत्रो का जाप करे, नवमी तिथि के दिन माँ को हलवा, पुङी, काले चने, फल और नारियल का भोग लगाया जाता हैं हवन के बाद प्रसाद वितरण करना चाहिए, इसके बाद कन्‍या पूजन करना चाहिए। 
नवरात्रि की पूजा विधि नवरात्रि की पूजा विधि Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 29, 2019 Rating: 5

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