नेहरूजी ने घर की पाइपलाइन कटवा दी


ऊस समयपं- जवाहरलाल नेहरू लाहाबाद नगर निगम के अध्‍यक्ष थे। एक दिन वे कार्यालय में बैठे फाइलें देख रहे थे। उसी समय डॉ. अहुल फजल वहां आए, जो जल पर विभाग के अधीक्षक थे। उन्‍होंने पंडितजी से कुछ बातचीत की, फिर बङे संकोच से बोले-महोदय। मैं एक फाइल की ओर आपका ध्‍यान आकर्षित करना चाहता हूं, जो उन व्‍यक्तियों से संबंधित है जिन्‍होंने जल-कर जमा नहीं किया है। पं. नेहरू ने कहा-इसमें संकोच की क्‍या बात है? जिन्‍होंने जल-कर जमा नहीं किया हैं, उनके विरूद्व कार्रवाई की जाएगी। लाइए फाइल दीजिए। डॉ. फजल ने उन्‍हें फाइल देते हुए कहा-इसमें आपके पिताजी का भी नाम है। पं. नेहरू ने यह सुनकर भी सहज भाव से फाइल का अध्‍ययन किया। उन्‍होंने देखा कि कई संभ्रांत लोगों ने जल कर जमा नहीं किया हैं। डॉ. फजल बोले-पंडितजी। इस फाइल में अनुशंसा है कि जिन्‍होंने नियम का उल्‍लंघन किया है उनकी जलापूर्ति बंद कर दी जाए। पं. नेहरू ने कहा-कानून सभी के लिए बराबर हैं। ओर उन सभी घरों की जलापूर्ति बंद कर दी गई। शाम को जब नेहरूज्री घर पहुंचे तो देखा कि घर में पीने का पानी नहीं है और पिता मोतीलाल नेहरू क्रोध से बरामदे में टहल रहे हैं। नेहरूजी को देखते ही बोले-यह क्‍या किया जवाहर, अपने ही घर की पानी की लाइन कटवा दी? पंडितजी ने कहा-कर जमा कीजिए, अभी लाइन मिल जाएगी। पुत्र की कर्तव्‍यनिष्‍ठा देख पिता का क्रोध शांत हो गया और उन्‍होंने कर तुरंत जमा करा दिया।

वस्‍तुत: कर्तव्‍य सदैव भावनाओं से बङे होते हैं क्‍योंकि भावनाएं नि‍जी हितार्थ होती हैं और कर्तव्‍य व्‍यापक हितों की पूर्ति करते हैं।

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उत्‍तम विचार – अपने उपर अपना शासन जितना अधिक होगा, दूसरे के शासन की आवश्‍यकता कम होगी।
नेहरूजी ने घर की पाइपलाइन कटवा दी                        नेहरूजी ने घर की पाइपलाइन कटवा दी Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 11, 2019 Rating: 5

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