जब बुराई का साथ देने पर शिक्षक ने पिटाई की

जब बुराई का साथ देने पर शिक्षक ने पिटाई की

परीक्षा भवन में परीक्षा चल रही थी। सभी वि़द्यार्थी प्रश्‍नपत्र हल करने में लगे हुए थे। ईश्‍वर पढने में सदा से ही अव्‍वल रहा था, इसलिए वह लगन व शांति से अपना प्रश्‍नपत्र हल कर रहा था। उसके पीछे बेठा उसका मित्र मनीष, जो पढने में बेहद आलसी था, बहुत देर से ईश्‍वर का ध्‍यान अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहा था। उस दिन गणित की परीक्षा थ्‍ज्ञी। सभी प्रश्‍न हल करने के बाद ईश्‍वर ने संतोष की सांस ली। मनीष ने अवसर पाकर फिर पीछे से ईश्‍वर की कुर्सी हिलाई औश्र कुछ मदद करने व नकल करने देने का संकेत दिया। ईश्‍वर पहले तो कुछ सहमा, डरा किंतु पीछे मुङकर मनीष का उदासचेहरा देखा, तो अपनी उत्‍तर पुस्तिका इस ढंग से खोलकर रख दी ताकि मनीष नकल कर सके, किंतु यह सब शिक्षक की पेनी दृष्टि से छिप नही ंसका। उन्‍होंने इसके लिए ईश्‍वर को खूब पीटा। ईश्‍वर इस अपमान से बेहद आहत हुआ। परीक्षा समाप्‍त होने पर जब वह घर लौट रहा था, तब शिक्षक महोदय ने उससे कहा-बेटा मैंने आज तुम्‍हें बहुत पीटा, 

इसका मुझे बहुत दुख है। तब ईश्‍वर बोला-पर सर मैं तो नकल नहीं कर रहा था। मैंने केवल मनीष की मदद की थी। तब शिक्षक ने उसे समझाया-बुराई करने वाला तो बुरा होता ही है, किंतु उसे बुराई के लिए प्रेरित करने वाला उससे भी बुरा होता है। तुम मनीष के निकम्‍मेपन को सहारा दे रहे थे। तुम्‍हारे इस सहारे में उसका लाभ कम, हानि अधिक थी। भविष्‍य में वह सहारे के बिना आगे बढ नहीं पाएगा। ईश्‍वर की अपनी गलती का एहसास हो गया था।

वस्‍तुत: प्रत्‍येक कार्य का परिणाम अच्‍छाई ओर बुराई का मिश्रण है। हमें स्‍वयं को ऐसे कामों में लगाना चाहिए जिनका परिणाम अच्‍छा हो।


उत्‍तम विचार – जो भाव मनुष्‍य को अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाता है, वही अध्‍यात्‍म है। 
जब बुराई का साथ देने पर शिक्षक ने पिटाई की जब बुराई का साथ देने पर शिक्षक ने पिटाई की Reviewed by Kahaniduniya.com on सितंबर 11, 2019 Rating: 5

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