अंधा संत या बदमाश अकबर बीरबल हिन्दी कहानी : blind saint or scoundrel akbar birbal hindi story

 अंधा संत या बदमाश अकबर बीरबल हिन्दी कहानी

एक बार एक सैनिक बादशाह के पास आता है। और कहता है। मुझे आपसे कुछ जरूरी बात कहनी है। यह मेरे भतीजी के बारे में है। उसके माता पिता को कुछ समय पहले एक डाकू ने मार दिया। 

बादशाह ने कहा बहुत बुरा हुआ। आगे बताओं।

सैनिक कहता है कि मेरी भतीजी बता रही थी की वह डाकू किसी साधु के भेष में रह रहा है। मेरी भतीजी सिर्फ 10 साल की है पर मुझ लगता है। कि वह सच बोल रही है। 

बादशाह कहते है कि अभी हमारे सोने का समय हो गया है। लेकिन कल सुबह तुम उसे दरबार में ले आना। हम इस मामले को दिखाते है। 

अगले दिन दरबार में उपस्थित बीरबल से बादशाह ने कहा हमें हमारे एक सैनिक ने एक समस्या बताई है।

बीरबल कहते हैं। आप हमें बताइए, हम क्या सहायता कर सकते हैं?

पहले बादशाह ने सुखदेव सिंह जी से कहा कि हमने आपको अपनी राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में से सभी डाकूओं को पकड़ने के लिए कहा था। हमें एक सिपाही ने बताया कि उसके भाई को कुछ महीने पहले ही किसी डाकू ने मार डाला। आप यह बताइए क्या आपने सभी डाकुओ को गिरफ्तार कर लिया है?

सुखदेव सिंह जी ने कहा हुजूर हम लगभग सभी डाकूओ को पकड़ने में कामयाब हो गए थे। सिर्फ एक डाकू को छोड़कर जिसे हम पकड़ नहीं पाए, उसकी तलाश जारी है, हम शीघ्र उसे पकड़ने में कामयाब हो जाएंगे। 

इस बीच बीरबल ने कहा - हुजूर आप समस्या बताइए, क्या पता हम कुछ मदद कर पाएं। 

बादशाह ने कहा - सिपाही ने हमें बताया कि उसकी भतीजी ने डाकू की पहचान कर ली है, मगर ववह एक अंधे साधु के भेष में रह रहा हैं। 

हमें एक छोटी बच्ची पर भरोसा कैसे करें? और फिर काफी लोग उस साधू की शक्ति में विश्वास करते हैं। 

बीरबल कहते हैं, कई बार पाखंडी ढ़ोंगी लोग साधु का भेष बदलकर लोगों को मूर्ख बनाते हैं, हम अवश्य ही सच्चाई का पता लगा सकते हैं, क्यों न हम उस सैनिक और उसकी भतीजी को मिलकर उनकी कहानी सुनते है।

सैनिक और उसकी भतीजी को दरबार में बुलाया गया और बादशाह ने उनसे कहा अब तुम हमें पूरी कहानी बताओ। 

सैनिक ने बताना शुरू किया कि 3 महीने पहले एक डाकू मेरे भाई के घर में घुस आया और मेरे भाई और उसकी पत्नी दोनों को मार डाला। यह छोटी लड़की उनकी बेटी है और उस हादसे की गवाह भी उस हादसे के बाद भारी सदमा लगने के कारण इसने अपनी बोलने की शक्ति भी खो दी, कुछ दिन पहले मैंने एक अंधे साधू के बारे में सुना जो कि जंगल में रहते हैं और लोगों को ठीक करने की शक्ति रखते हैं काफी रोगी उनेस मिलने के बाद ठीक हो जाते है ऐसा मेैने सुना, मैंने सोचा अगर वह इतने चमत्कारी हैं तो क्या पता मेरी भतीजी की बोलने की शक्ति भी वापस ला सके इसलिए मैं उनसे मिलने गया। 

उन्हें देखते ही मेरी भतीजी जोर जोर से चिल्लाने लगी की इसी ने मेरे माता-पिता का खून किया है, यह कातिल है।

मुझे यह सब उस साधू का चमत्कार लगा क्यूंकि अपने मां बाप के मरने के इतने दिनों बाद तक से मेरी भतीजी ने कुछ नहीं कहा था। उस समय मुझे लगा की साधु महाराज की कृपा से ही उसकी आवाज वापस आ गई है। 

वहां पर मेरी भतीजी बीएस यही कहती रही की यह साधू कातिल है, मैं इसकी शक्ल कभी नहीं भूल सकती, इसी ने मेरे माता पिता को मारा हैं।

तभी साधु के पास बैठे लोग कहने लगे यह लड़की पागल है, इसे यहां से ले जाओ और मेैं उसे वहां से ले आया, पर अभी यह जिद कर रही है कि वह साधू ही डाकू है और वह सच बोल रही है, अब तो मुझे भी यकीन हो गया है लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं है।

बीरबल ने कहा हुजूर हम यह पता लगा सकते हैं, कि यह आदमी एक साधू है या ढ़ोंगी क्या मैं आपसे एक बात कर सकता हूं और बीरबल ने बादशाह के कान में कुछ कहा।

बादशाह ने कहा हम कल उस साधू से मिलेंगे, अगले दिन बादशाह उस साधू से मिलने पहुंचे और उन्हें प्रणाम किया और कहा हमने आप के चमत्कारों के बारे में इतना सुना है कि हमें आना पड़ा। 

इसी बीच बीरबल उस साधु केा डराने के लिए उसकी और तेजी से बढ़े और कहने लगे की ये तो वही बेईमान और खूनी है आज मैं उसकी जान लेकर रहूँगा। 

यह सुनकर वहां साधु के वेश में बैठा व्यक्ति घबरा गया और जैसे ही बीरबल ने उस पर वार किया उसने उन्हें रोक दिया। 

साधु अंधा नहीं है ऐसा देखकर सब लोग हैरान रह गए। बादशाह ने अपने सैनिकों से उस साधु को पकड़ने के लिए कहा और उसे अपने जुर्म के लिए मौत की सजा सुनाई। 

बादशाह ने लड़की की प्रशंसा करते हुए कहा की तुमने निडर होकर सच्चाई का साथ दिया है, इसके लिए तुम्हे ईनाम दिया जाएगा।

लड़की और सैनिक ने बादशाह का धन्यवाद दिया, बादशाह ने कहा मेरा नहीं बीरबल का धन्यवाद करो, उसके कारण ही इस ढोंगी साधु का सच्च सामने आया है। 

बीरबल ने कहा हुजूर यह बहुत आसान था, कोई भी व्यक्ति स्वाविक रूप से अपनी रक्षा करेगा अगर वह अँधा नहीं है तो, 


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