तीन बोली बोलने वाला आदमी: अकबर-बीरबल कहानियाँ |
एक बार अकबर और बीबरबल बगीचे में बैठे थे। अचानक अकबर ने बीरबल से पूछा कि क्या तुम किसी ऐसे इंसान को खोज सकते हो जिसमें तरह-तरह की बोली बोलने की खुबी हों?
बीरबल ने कहा, ‘‘जी महाराज, मैं एक आदमी को जानता हूँ जो तोते की बोली बोलता है, शेर की बोली बोलता है, और गधे की बोली भी बोलता है।’’ अकबर को यह सुनकर बड़ा अचंभा हुआ। उन्होंने बीरबल को अगले ही दिन उस आदमी को दरबार में पेश करने को कहा।
अगले दिन सुबह बीरबल उस आदमी को दरबार में ले गए और उसे एक छोटी बोतल शराब पीला दी। वह शराबी हल्के नशे की हालत में अकबर बादशाह के आगे खड़ा था। वह जानता था की दारू पी कर आया जान कर बादशाह उसे सजा देंगे। इसलिए वह उनके कदमों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगा। तब बीरबल बोले, ‘‘हुजूर, यह जो सजा के डर से बोल रहा है वह तोते की भाषा है।’’
उसके बाद बीरबल ने वहीं, उस आदमी को एक और शराब की बोतल पीला दी। अब वह आदमी पूरे नशे में था। वह अकबर बादशाह के सामने सीना तान कर खड़ा हो गया और बोला, ‘‘आप नगर के बादशाह हैं तो क्या हुआ, मैं भी अपने घर का बादशाह हूँ। मैं यहा किसी से नहीं डरता।’’
बीरबल बोले कि ‘‘हुजूर, शराब के नशे में निडर होकर यह जो बोल रहा है यह शेर की भाषा है।’’
दोबारा फिर से बीरबल ने उस आदमी का मुंह पकड़कर एक और बोतल उसके गले से उतार दी। इस बार वह आदमी लड़खड़ाते हुए जमीन पर लेट गया और हवा में हाथ-पैर चलाते हुए, मुंह से उल-जलूल आवाजें निकालने लगा। अब बीरबल बोले, ‘‘हुजूर अब यह जो बोल रहा है वह गधे की भाषा है।’’
इस तरह अकबर एक बार फिर बीरबल की हाजिर जवाबी से प्रसन्न हुए, और यह मनोरंजक उदाहरहण पेश करने के लिए उन्होंने बीरबल को बहुत बड़ा ईनाम दिया।
कोई टिप्पणी नहीं: